हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,एक रिपोर्ट के अनुसार ,हज़रत आयतुल्लाहिल उज़्मा नासिर मक़ारिम शीराज़ी ने मरहूम नाइनी के कार्यों और रचनाओं का उल्लेख करते हुए ज़ोर दिया कि उनके विद्वत्तापूर्ण कार्यों विशेष रूप से वह रचना जो इस्लामी सरकार के बारे में है और अपने समय में ऐतिहासिक महत्व रखती थी को फिर से विचाराधीन लाया जाए और उसका प्रचार प्रसार किया जाए।
रिपोर्ट के अनुसार,आयतुल्लाह मकारिम शीराज़ी ने मिर्जा नाइनी रहमतुल्लाह अलैह के संबंध में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के आयोजकों से मुलाकात के दौरान कहा यह सम्मेलन मिर्जा नाइनी के साथ हुई नाइंसाफियों की भरपाई के लिए है।
उन्होंने कहा कि मरहूम नाइनी अपने दौर में एक प्रगतिशील व्यक्तित्व थे जिसके कारण वे लोग जो प्रगतिशीलता को सहन नहीं कर सकते थे उन पर अत्याचार किया।
आयतुल्लाह मकारिम शीराज़ी ने धार्मिक विद्वानों और फुक़हा (धर्मगुरुओं) का सम्मान करना एक इबादत बताया और कहा कि उनकी स्मृति को मनाने से उनके विद्वत्तापूर्ण कार्यों को जीवित किया जा सकता है और लोगों में आध्यात्मिकता के प्रति रुचि बढ़ाई जा सकती है।
उन्होंने मरहूम नाइनी के इस्लामी सरकार पर लिखे गए कार्यों को विशेष महत्व देने पर जोर देते हुए कहा कि उनके ये कार्य जो अपने समय में ऐतिहासिक महत्व रखते थे फिर से समीक्षा और प्रचार-प्रसार के योग्य हैं।
मुलाकात के अंत में आयतुल्लाह मकारिम शीराज़ी ने सम्मेलन के आयोजकों के लिए दुआ की और इस सम्मेलन के आयोजन पर प्रसन्नता व्यक्त की।